हजारीबाग। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ(अजप्टा) ने शिक्षकों के रेशनलाइजेशन की प्रकाशित सूची पर आपत्ति जताई है। संघ के जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार ने कहा कि यह सूची बिना आपत्ति के निराकरण किए ही प्रकाशित किया गया है। कहा कि बीते वर्ष नौ सितंबर को एक सूची जारी की गई थी। इसके बाद संशोधित सूची 20 सितंबर को जारी की गई। बीते तीन जनवरी को जो सूची जारी की गई वह पूरी तरह से पहली बार प्रकाशित सूची से मेल खाती है।
इसमें छात्र संख्या की गणना सरकारी व सहायक अध्यापक को लेकर की गई है। लेकिन रेशनलाइजेशन केवल सरकारी शिक्षकों का ही किया जा रहा है।
सरकारी शिक्षकविहीन हो जाएंगे कई विद्यालय:
एनआईसी में प्रकाशित सूची पर प्रवीण कुमार ने कहा कि जिले के लगभग 50 विद्यालय सरकारी शिक्षक विहीन हो जाएंगे। इसमें छात्र संख्या में सुधार नही किया गया। कहा कि जनवरी में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों की भी गणना कर ली गई है। मृत शिक्षकों का भी सूची में नाम होना डीएसई कार्यालय की कार्यशैली को दर्शाता है। आपत्ति निराकरण की अनदेखी करते हुए लिस्ट के जारी होने से शिक्षकों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है।
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