रामानुजगंज, अनिल गुप्ता: कन्हर नदी में करोड़ों खर्च कर छत्तीसगढ़ शासन ने यह सोचा था कि रामानुजगंज सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को एनीकट बनाकर दे दिया जाए, तो पूरे क्षेत्र का जल स्तर भी बना रहेगा और पशु पक्षी पालतू पशु सहित अन्य कामों के लिए लोगों को भरपूर जल मिलता रहेगा, परंतु जल संसाधन विभाग के कुछ लापरवाह अधिकारियों की वजह से आखिरकार नदी का पूरा पानी लिक हुए गेट से निकल गया और लोग हैरान-परेशान देखते रह गए.
अब प्रश्न उठता है कि नगर में पेयजल की व्यवस्था के लिए प्रतिवर्ष शासन लाखों रुपए खर्च करती है. नदी के बीच 3-4 कुआं बनाकर नगर के लोगों को पेयजल की सुविधा दी जाती है. एक छोटी सी लापरवाही ने करोड़ों के एनीकट पर पानी फेर दिया, अगर हमारे यही कर्मचारी अधिकारी जनता के प्रति समर्पित होकर काम करते तो आज वह पानी बचा रहता. इस संबंध में रामानुजगंज के अनुविभागीय अधिकारी ने चैती छठ के समय विभाग को पत्र लिखा था. एनीकट के द्वार का जहां-जहां लीकेज है उसे तत्काल बंद कराया जाए उसके बाद भी अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. इसके बाद दिनांक 14 मार्च को एक बार फिर फोन पर बात कर जल संसाधन विभाग के लोगों को लीकेज बंद कराने के संबंध में कहां था परंतु उसके बाद भी अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया और इसका खामियाजा रामानुजगंज क्षेत्र सहित आस-पास के गांव के साथ-साथ झारखंड प्रदेश के लोग भी भुगतेंगे.
मछली मारने के लिए उमड़ी भीड़, नदी हुआ कीचड़
कल के दिन ही इस बात की संभावना जताई गई थी कि पानी तेजी से निकल रही है और आखिरकार पूरा पानी निकल गया. नदी में कीचड़ ही कीचड़ देखने को मिल रहा है और लोग उसमें से पहले मछली पकड़ने जाते थे, अब मछली बिन रहे हैं, लोगों को हो सकता है कि एक-दो दिन मछली का स्वाद भा जाए मगर, पीने का पानी कहा से लायेंगे.
इस बारे में पत्र लिखा जा चुका है
इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी गौतम सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले में विभाग को पहले भी पत्र लिखा जा चुका है और कल भी इस संबंध में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से बात हुई वो रायपुर में है.
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