प्रयागराज : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. आरोपियों की धरपकड़ के लिए यूपी एसटीएफ की ताबड़तोड़ छापेमारी जारी है. घटना को लेकर कुल 14 जगह छापेमारी चल रही है. प्रयागराज, वाराणसी और लखनऊ एसटीएफ की यूनिट लगातार छापेमारी कर रही है. एसटीएफ की एक टीम पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश भी रवाना हो गई है. वहीं, उमेश पाल का शव के पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंच गया है. घर के बाहर मृतक उमेश पाल के समर्थक और करीबी रिश्तेदारों का जमावड़ा हो गया है.
माफिया अतीक समेत इन लोगों पर दर्ज हुई FIR
मृतक उमेश पाल की पत्नी जया पाल की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. माफिया अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, बरेली जेल में बंद भाई पूर्व विधायक अशरफ, अतीक के बेटों, मोहम्मद मुस्लिम समेत माफिया के अन्य सहयोगियों के खिलाफ साजिश, हत्या सहित अन्य गंभीर धाराओं में धूमनगंज थाने में एफआइआर दर्ज कर ली गई है. सभी के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 302, 307, 120बी, 506, 34, विस्फोटक अग्नि विस्फोटक अधिनियम 1908(3), आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 1932 (7) के तहत दर्ज केस दर्ज किया गया है.
कल शाम को घर के बाहर हुआ उमेश पाल पर हमला
प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में शुक्रवार शाम को बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल पर शाम करीब 4.30 बजे घर के ठीक बाहर हमला हुआ. चार से पांच हमलावरों ने गोली और बम से हमला किया. घटना में उमेश पाल और दो सुरक्षाकर्मी जख्मी हो गए थे. घायलवस्था में सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उमेश और एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई. जबकि अन्य एक सुरक्षाकर्मी का इलाज जारी है. पूरे घटनाक्रम में माफिया अतीक अहमद का नाम सामने आ रहा है. पुलिस सीसीटीवी फुटेज समेत कई अन्य साक्ष्य जुटाने का प्रयास कर रही है. फिलहाल सुलेम सराय इलाके में एक बार फिर दिनदहाड़े हुए इस गोलीकांड से पूरा शहर दहल उठा है.
कहानी 18 साल पहले हुई राजू पाल हत्याकांड की, पढ़िए
राजू पाल हत्याकांड को समझने के लिए 18 साल पहले जाना होगा. 25 जनवरी 2005 को राजू पाल अपनी समर्थकों के साथ स्वरूप रानी अस्पताल से वापस आ रहे थे. वह क्वालिस गाड़ी में थे। यह कार वह खुद चला रहे थे. उनके साथ आगे उनके मित्र की पत्नी रुखसाना बैठी थीं जो रास्ते में मिली थीं. पीछे की सीट पर संदीप यादव और देवीलाल बैठे थे. राजू पाल के पीछे स्कॉर्पियो चल रही थी उसमें उनके कुछ और सहयोगी थे.
सुलेम सराय मोहल्ले में अमितदीप मोटर्स के सामने राजू की कार के सामने एक कार अड़ गई. जब तक राजू समझ पाते उसमें से 5 हथियारबंद हमलावर निकले और गोलियों की बौछार कर दी. तीन लोगों ने राजू की कार पर और दो लोगों ने पीछे स्कॉर्पियो पर गोलियां बरसाईं.
दिनदहाडे़ अंधाधुंध फायरिंग से हड़कंप मच गया. हमलावर हमला करके फरार हो गए. राजू पाल का शरीर गोलियों से छलनी हो गया था. उनके शव से 19 गोलियां निकली थीं. कई गोलियां सीने के पार हुई, इसलिए मौके पर ही मौत हो गई. उनके साथ बैठे संदीप यादव और देवीलाल भी मारे गए. बाकी लोग गंभीर रूप से घायल हुए.
इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने. हत्या से महज 10 दिन पहले ही राजू और पूजा की शादी हुई थी. राजू पाल की पत्नी पूजा ने उस समय के सांसद अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ के अलावा तीन दूसरे लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया था. इस हत्याकांड के पीछे वजह यह थी कि सांसद बनने से पहले अतीक अहमद शहर पश्चिम से विधायक हुआ करता था. जब वह सांसद बना तो सीट खाली हो गई. सीट उसी के पास रहे इसलिए उसने अपने भाई अशरफ को चुनाव में खड़ा किया लेकिन राजू पाल ने बसपा के टिकट पर अशरफ को हरा दिया. साल 2004 में हुए इस चुनाव का बदला ही 2005 में लिया गया. इसी मामले में उमेश पाल मुख्य गवाह थे. लेकिन 24 फरवरी को उनकी भी उसी अंदाज में हत्या कर दी गई.
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