बलरामपुर। कभी दर्द के कारण चल भी नहीं पाने वाला छह वर्षीय सचिन आज फिर से अपने पैरों पर खड़ा है। मुस्कुरा रहा है, दौड़ रहा है, खेल रहा है। दुर्लभ बीमारी पिगमेंटेड विलोनोड्युलर सिनोवाइटिस (PVNS) से जूझ रहे सचिन तिर्की को जीवनदान मिला है, और इसके पीछे है बलरामपुर जिले में आयोजित मेगा हेल्थ कैंप का चमत्कारिक योगदान।
जानकारी अनुसार, ग्राम पुटसुरा निवासी सचिन, पिता करमचंद तिर्की, पिछले एक वर्ष से इस गंभीर जोड़ों के कैंसर से पीड़ित था। बीमारी ने उसका दायां घुटना पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया था। असहनीय दर्द और आर्थिक तंगी के कारण सचिन का इलाज लगभग असंभव हो गया था। कई डॉक्टरों को दिखाने के बावजूद बीमारी की सही पहचान नहीं हो पाई थी।

लेकिन किस्मत ने करवट ली जब जून माह में आयोजित मेगा हेल्थ कैंप में सचिन को विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श मिला। यह शिविर कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में, जिला प्रशासन और दिन हीन सेवा समिति की अध्यक्ष मनीषा सिंह के सहयोग से आयोजित किया गया था। कैंप में डीकेएस अस्पताल रायपुर से आए विशेषज्ञ डॉक्टरों डॉ. रमन श्रीवास्तव (बाल अस्थि रोग विशेषज्ञ) और डॉ. हेमंत शर्मा (असिस्टेंट सुपरीटेंडेंट) ने सचिन की जांच की। विदेश से बच्चों की हड्डी रोग चिकित्सा में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे डॉ. रमन श्रीवास्तव ने तुरंत बीमारी की सही पहचान की और सचिन को डीकेएस अस्पताल रायपुर बुलाया।
वहां विशेषज्ञ टीम ने सचिन का सफल ऑपरेशन किया। आज सचिन बिना किसी दर्द के सामान्य रूप से चल-फिर रहा है।
सचिन के पिता करमचंद तिर्की ने भावुक होकर कहा कि, हमारे बच्चे को नया जीवन मिला है, यह हमारे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं। हम मंत्री, डॉक्टरों और दिन हीन सेवा समिति के प्रति सदा आभारी रहेंगे।”
दिन हीन सेवा समिति की अध्यक्ष मनीषा सिंह ने कहा कि, ऐसे शिविर न केवल जरूरतमंद परिवारों के लिए जीवनदान बनते हैं, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम हैं।
इस मेगा हेल्थ कैंप ने यह साबित कर दिया कि अगर प्रयास सच्चे हों तो सरकारी पहल और सामाजिक सहयोग मिलकर किसी भी असंभव को संभव बना सकते हैं।
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