हजारीबाग, अमित मिश्रा, ब्यूरो चीफ, डब्ल्यूडब्ल्यूएन। हजारीबाग के लोहसिंघना थाना क्षेत्र का रहनेवाला संदिग्ध मोहम्मद फैजान अनवर को गुरुवार को हजारीबाग व्यवहार न्यायालय में रिमांड में पेशी की गई। लगभग दो घंटे की पेशी में फैजान अपनी बात कोर्ट में बताता रहा। एटीएस टीम ने फैजान को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार फैजान ने एसीजीएम कोर्ट में अपनी पूरी बातें और गतिविधियों का बयान दिया। यहां उसने बताया कि कैसे वह रांची के डॉक्टर इश्तियाक अहमद के संपर्क में आया। सूत्र बताते हैं कि वह डाॅक्टर संभवत: किसी आतंकवादी समूह से संपर्क में था।
फैजान ने अधिवक्ता नेहा अंजुम के समक्ष बताया कि पिछले छह महीने से वह अपनी बेटी के इलाज के क्रम में डॉक्टर के संपर्क में आया था। उसने डॉक्टर को घर में भोज के लिए भी निमंत्रित किया था और शहर के करीम रेस्टोरेंट में उसने साथ भोजन किया था। ऐसी आशंका जताई जा रहा है कि संभवत : वह भी अलकायदा या किसी अन्य आतंकवादी समूह से संपर्क में हो, जिसकी जांच उच्च अधिकारी कर रहे हैं। गुरुवार को कोर्ट में रिमांड के बाद अधिकारी उसे दिल्ली ले गए। विदित हो कि हजारीबाग में पूर्व में भी कई आतंकवादी पकड़े चुके हैं और हजारीबाग उनकी आतंकवादी गतिविधियों एवं योजनाओं का सबसे सेफ जोन रहा है।
झारखंड में 14 जगह एटीएस ने की छापामारी, 7 धराए
एटीएस की टीम में झारखंड के विभिन्न जिलों में 14 स्थानों में छापामारी की, जिसमें 7 को गिरफ्तार किया गया। उन्हें में से एक हजारीबाग से मोहम्मद फैजान को गिरफ्तार किया गया था, जिसकी पेशी गुरुवार को हजारीबाग व्यवहार न्यायालय में की गई। वहीं लोहरदगा से गिरफ्तार एक अन्य संदिग्ध को भी हथियार के साथ पकड़ा गया है। पुलिस को एक लैपटॉप, डायरी और अन्य सामग्री भी मिला है जिसकी जांच की जा रही है।
हजारीबाग रहा है आतंकवादियों का सेफ जोन
हजारीबाग शुरू से ही आतंकवादियों का सेफ जोन रहा है। पूर्व में पेलावल क्षेत्र से एक युवा आतंकवादी को पकड़ा गया था। उसे उससे पूर्व खीरगांव में दो आतंकवादी किराए के मकान में रहकर जूता चप्पल के व्यापारी के रूप में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे, जिसे एनकाउंटर में मार दिया गया था। वहीं किसी जमाने में स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी “सिमी” का सेफ जोन हजारीबाग हुआ करता था। राज्य में एक साथ 14 स्थानों पर आतंकवादी गतिविधि को लेकर की गई बड़ी छापेमारी कहीं न कहीं राज्य में बहुत बड़े आतंकवादी खतरे के पूर्व की आहट से इनकार नहीं किया जा सकता।
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