रांचीः चारा घोटाला के 27 साल पुराने और अंतिम मामले में 36 अभियुक्तों को सजा के बिन्दु पर शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। रांची स्थित सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की विशेष अदालत ने इस मामले में दोषी करार दिए गए सभी 36 अभियुक्तों को 4 साल की सजा सुनाई है। साथ ही अभियुक्तों पर 3 लाख से 1 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। मामला डोरंडा कोसागर से 36.59 करोड़ की अवैध निकासी से जुड़ा है। इससे पहले 28 अगस्त को इस मामले में सुनवाई हुई थी।
124 में से 53 आरोपियों को सुनाई गई थी सजा
इससे पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाला मामले में डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में 28 अगस्त को 124 अभियुक्तों पर अपना फैसला सुनाया था। जिसमें 35 आरोपियों को बरी किया गया था। 53 आरोपियों को दोषी करार देते हुए 3 साल से कम और 3 साल तक की सजा सुनाई गई थी।
इस मामले में 17 गवाहों का दर्ज किया गया था। बयान 50 हजार से ज्यादा डॉक्यूमेंट और एविडेंस पेश किए गए थे। 1996 से चल रहे चारा घोटाले के इस मामले में 28 अगस्त को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 35 लोगों को बरी किया था। जबकि 53 अभियुक्तों को 3 साल से कम की सजा सुनाई गई थी। तीन साल से कम सजा के कारण निचली अदालत से ही उन्हें जमानत मिल गई थी। अब वे हाईकोर्ट में अपील करेंगे। शुक्रवार को जिन 36 अभियुक्तों को सजा सुनाई गई, उसमें नित्यानंद कुमार सिंह, डॉ. जुनुल भेंगराज, डॉ. कृष्ण मोहन प्रसाद, डॉ. राधा रमण सहाय, डॉ. गौरी शंकर प्रसाद और डॉ. रवींद्र कुमार सिंह शामिल हैं। इसके अलावा डॉ फणीन्द्र कुमार त्रिपाठी, महेंद्र प्रसाद, देवेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, अशोक कुमार यादव, रामनंदन सिंह, बिजेश्वरी प्रसाद सिन्हा और अजय कुमार सिन्हा को भी सुनाई। वहीं रोहन मेहता, रविं नंदन कुमार सिन्हा, राजेंद्र कुमार हरित, अनिल कुमार, त्रिपाठी मोहन प्रसाद, दयानंद प्रसाद कश्यप, शरद कुमार, सुरेश दुबे, मो. सईद को भी 4 साल की सजा सुनाई गई है। जबकि मो. तौहिद, संजय कुमार, रामा शंकर सिंह, उमेश दुबे, अरुण कुमार वर्मा, अजीत कुमार वर्मा, सुशील कुमार सिन्हा, जगमोहन लाल कक्कड़, श्याम नंदन सिन्हा, मोहिन्दर सिंह बेदी, प्रदीप कुमार चौधरी, सत्येंद्र कुमार, मदन मोहन और प्रदीप वशिष्ठ शामिल है।
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