बलरामपुर, विष्णु पांडेय। बीजापुर के युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या को लेकर बलरामपुर जिले के पत्रकार उबाल में है। बलरामपुर जिले के पत्रकार रामानुजगंज थाना प्रभारी रमाकांत तिवारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर के युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से बलरामपुर के पत्रकार व्यथित हैं। हमारी संवेदनाएं साथी पत्रकार मुकेश और उनके परिवारवालों के साथ है। पत्रकार कल्याण संघ बलरामपुर के हम सभी पत्रकार कड़ी कार्रवाई के साथ छः सूत्री मांग कर रहे है।
पत्रकारों की छह सूत्री मांगें
1. बीजापुर सहित बस्तर संभाग में सुरेश चंद्राकर की जितनी भी संपत्तियां हैं उसे जब्त कर सरकारी संपत्ति घोषित किया जाए।
2. हत्या में संलिप्त सुरेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर और अन्य लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर फांसी की सजा हो।
3. सुरेश चंद्राकर की सुरक्षा में लगाए गए जवान को हटाया जाए।
4. सुरेश चंद्राकर को जारी सभी टेंडर रद्द किया जाए, सभी बैंक खाते, पासपोर्ट सील किए जाए।
5. घटना स्थल चट्टान पारा में बने अवैध बाड़ा को तत्काल नेस्तनाबूद किया जाए, गंगालूर रोड पर स्थित प्लांट सील किया जाए तथा गाडियों के साथ राजसात की कार्रवाई की जाए।
6. युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर को शहीद का दर्जा दिया जाए।
पत्रकारों ने बताया कि अगर उक्त मांगे पूरी नहीं होती है तो जिले में अनिश्चितकालीन चक्का जाम किया जाएगा।
क्या है मामला
गाैरतलब है कि 1 जनवरी 2025 को शाम 7 बजे से मुकेश चंद्राकर घर से लापता हुए थे। अगले दिन 2 जनवरी को उनके भाई युकेश चंद्राकर ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत के बाद पुलिस लगातार मुकेश के फोन को ट्रेस कर रही थी। फोन बंद होने की वजह से अंतिम लोकेशन घर के आस-पास का ही दिखा रहा था। सीसीटीव्ही फुटेज भी खंगाले गए, जिसमें अंतिम बार मुकेश टी-शर्ट और शॉर्ट्स में दिखे। वहीं पत्रकारों ने भी अलग-अलग जगह पता किया। जी मेल लोकेशन के माध्यम से लोकेशन ट्रेस किया गया, जिसमें मुकेश का अंतिम लोकेशन बीजापुर जिला मुख्यालय के चट्टानपारा में होना पाया गया।
यहीं पर मुकेश के रिश्तेदार (भाई) और ठेकेदार सुरेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर का बैडमिंटन कोर्ट परिसर है। यहां सेप्टिक टैंक में नया 4 इंच कंक्रीट से ढलाई किया गया था, सेप्टिक टैंक में चेंबर नहीं रखा था। अमूमन टैंक की सफाई के लिए एक हिस्से में चैंबर बनाया जाता है। यहां टैंक पूरी तरह से जब पैक दिखा तो शक हुआ। मुकेश के सगे भाई यूकेश समेत अन्य पत्रकारों ने इसकी जानकारी बीजापुर जिले के एसपी जितेंद्र यादव और बस्तर के आईजी सुंदरराज पी को दी। पुलिस की टीम को भी उस इलाके में पहुंची। पुलिस से टैंक तोड़वाने की मांग की गई, टैंक तोड़ते ही पानी में मुकेश की लाश मिली। शव को बाहर निकाला गया और पोस्टमॉर्टम के लिए शव को अस्पताल भिजवाया गया।
उल्लेखनीय है कि मुकेश की निर्ममता से हत्या करने के लिए पहले गला घोंटा गया, बाद में सिर पर कुल्हाड़ी मारी, इस हमले से मुकेश के सिर पर ढाई इंच गड्डा हो गया। नक्सली भी इसी तरीके से हत्या करते हैं। संभवतः हत्या के बाद जंगल में शव फेंककर नक्सली घटना बताने का प्रयास था, लेकिन भीड़-भाड़ वाला क्षेत्र होने से शव निकाल नहीं पाए। इसलिए सेप्टिक टैंक में शव डाल कर 4 इंच कंक्रीट से ढलाई कर दी गई।
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