बलरामपुर, विष्णु पांडेय। जिले के रामानुजगंज कॉ-ऑपरेटिव बैंक से 1 करोड़ 33 लाख रुपए की शासकीय राशि गबन मामले में आज रामानुजगंज पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस फरार चल रहे मास्टर माइंड तत्कालीन ब्रांच मैनेजर शंकर राम भगत को अंबिकापुर से गिरफ्तार कर ली है। मामले में सहयोगी मनोज विश्वास को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।
पुलिस के द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, 06.08.2024 को प्रार्थी अंबिकापुर कॉपरेटिव बैंक के शाखा प्रभारी अरविंद श्रीवास्तव (54 वर्ष) रामानुजगंज थाने में लिखित आवेदन पेश कर शिकायत दर्ज कराया। जिसमें रामानुजगंज को-ऑपरेटिव बैंक के शाखा प्रबंधक शंकर राम भगत, कैशियर विजय कुमार उइके, कैशियर राजेश पाल, कम्प्यूटर आपरेटर पंकज विश्वास के द्वारा संगठित गिरोह बनाकर किसानों एवं समितियों को मिलने वाली लोन की राशि एवं समितियों के लाभांश को गैर वित्तीय एवं गैर बैंकिंग नियम के तहत समितियों के खाता धारकों व किसानो के शासकीय रकम को गबन किया गया। जिसके बाद रामानुजगंज पुलिस ने जांच के बाद अपराध क्रमांक 157/2024 धारा 409, 34,120 (बी) भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में ली।
पुलिस की जांच में पाया गया कि को-ऑपरेटिव बैंक के शाखा प्रबंधक घटना के मुख्य आरोपी शंकर राम भगत, उम्र 53 वर्ष, जिला सरगुजा निवासी अपने एक संगठित गिरोह बनाकर गबन कर रहा था। गैंग में पंकज विश्वास, राजेश पाल, विजय उड़के व पंकज विश्वास का भाई मनोज विश्वास शामिल था। अपने पद के प्रभाव से बैंकिंग नियम के विरुद्ध किसानों, समितियों व खाता धारकों को मिलने वाली कृषि कार्य हेतु मिलने वाली लोन की राशि का गबन किया गया था।
रामानुजगंज पुलिस के द्वारा पूरे प्रकरण के जांच के दौरान विभिन्न बैंको से आरोपियों के खातों की जानकारी ली गई थी। आरोपियों के खाते से रकम का आहरण एवं समायोजन व अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्यों के आधार पर प्रकरण के दो आरोपी विजय उइके और राजेश पाल को गिरफ्तार किया गया था। घटना के बाद से फरार आरोपी पंकज विश्वास का भाई मनोज विश्वास की शासकीय राशि गबन के मामले में पूर्ण संलिप्तता पाई गई। जिसकी तलाश पुलिस लगातार कर रही थी।
इधर, घटना के बाद मुख्य आरोपी ब्रांच मैनेजर शंकर राम भगत भी फरार चल रहा था। इसी दौरान मुखबिर के द्वारा सूचना मिली कि शाखा प्रबंधक शंकर राम भगत को सरगुजा जिले के अंबिकापुर में देखा गया है। जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर रामानुजगंज थाना लाया गया। जहां उसने जुर्म भी कुबूल किया है।
पूछताछ में आरोपी शंकर राम भगत ने बताया कि संगठित गिरोह बनाकर खुद से फर्जी समितियों का प्रस्ताव चेकबुक और जमा निकासी पर्ची के माध्यम से अधोहस्ताक्षरण कर शासकीय राशि का आहरण व समायोजन कर शासकीय राशि का गबन किया था। मुख्य आरोपी शंकर राम भगत के साथ एक अन्य आरोपी मनोज विश्वास को राजपुर से गिरफ्तार किया गया। गबन की राशि से ट्रैक्टर और पिकअप खरीदा था जिसे पुलिस जब्त कर ली है। दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल दाखिल किया गया है। इस पूरे मामले में सभी आरोपियों की संपत्ति की भी जांच की जा रही है। प्रकरण की जांच विवेचना अनुसंधान अभी जारी है।
इस कार्रवाई में रामानुजगंज थाना प्रभारी रमाकांत तिवारी, उप निरीक्षक गजपति मिरे, एएसआई अतुल दुबे, हेड कांस्टेबल मायापति सिंह, नारायण तिवारी, जयपाल किस्पोट्टा, अजेश पाल, जगमोहन तिर्की, संदीप जगत, सूरज सिंह, नागेश्वर पोर्ते का महत्तपूर्ण योगदान रहा।
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