Ranchi: हम दूसरो के दुःख से दुःखी नहीं है बल्कि दुसरे को सुखी देखकर हम दुःखी है: गणिनी आर्यिका विभाश्री

रांची, बिजय जैन: वासुपूज्य जिनालय के प्रांगण में गणिनी आर्यिका विभाश्री ने अपने प्रवचन में कहा, मन जाये तो जान दे, तू मत जाये शरीर, रसरी डरी कमान में, काह करेगा तीर. ज्ञान हमारी भावनाओं को हमारे आचरण को विशुद्ध करने का साधन है. मनुष्य का मन तथा उसमे घुसी हुई माया का नाश नहीं … Continue reading Ranchi: हम दूसरो के दुःख से दुःखी नहीं है बल्कि दुसरे को सुखी देखकर हम दुःखी है: गणिनी आर्यिका विभाश्री